उत्तर प्रदेश के अंदर इस बार राजपूत विधायकों की संख्या इतिहास में सबसे कम है उत्तर प्रदेश के अंदर 90 के दशक से पहले 100 से ज्यादा राजपूत विधायकों को जनता चुनकर भेजती थी, 90 के दशक के बाद यह संख्या 70-80 के बीच में रहती थी लेकिन यह संख्या इस बार मात्र 47 रह गई है, तो चलिए जानते हैं कौन कौन से राजपूत विधायक इस बार जनता ने चुनकर विधानसभा भेजे हैं.
Rajput MLA in Western Uttar Pradesh 2022-27
नाम | जिला | विधानसभा | पार्टी |
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मानवेन्द्र सिंह | शाहजहांपुर | ददरौल | भाजपा |
वीर विक्रम सिंह | शाहजहांपुर | कटरा | भाजपा |
राजीव सिंह | बदायूं | दातागंज | भाजपा |
जयवीर सिंह | मैनपुरी | मैनपुरी सदर | भाजपा |
सत्यपाल सिंह | एटा | अलीगंज | भाजपा |
धर्मपाल सिंह | आगरा | एत्मादपुर | भाजपा |
रानी पक्षालिका सिंह | आगरा | बाह | भाजपा |
मेघश्याम सिंह | मथुरा | गोवर्धन | भाजपा |
वीरेंद्र सिंह राणा | हाथरस | सिकंदराराऊ | भाजपा |
जयवीर सिंह | अलीगढ़ | बरौली | भाजपा |
रविंद्र पाल सिंह | अलीगढ़ | छर्रा | भाजपा |
लक्ष्मीराज सिंह | बुलंदशहर | सिकंदराबाद | भाजपा |
धीरेन्द्र सिंह भाटी | गौतमबुद्धनगर | ज़ेवर | भाजपा |
पंकज सिंह | गौतमबुद्धनगर | नॉएडा | भाजपा |
धर्मेश तोमर | हापुड़ | धौलाना | भाजपा |
सुशांत सिंह | बिजनौर | बढ़ापुर | भाजपा |
अशोक कुमार राणा | बिजनौर | धामपुर | भाजपा |
बृजेश सिंह | सहारनपुर | देवबन्द | भाजपा |
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जिन जिलों से एक भी क्षत्रिय निर्वाचित नहीं हुआ उन जिलों के नाम है मुरादाबाद, पीलीभीत, बरेली, कासगंज, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, अमरोहा, रामपुर, संभल, मुजफ्फरनगर और शामली.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भाजपा द्वारा कुल 22 क्षत्रियों को टिकट मिले थे, जिनमे 18 जीत गए हैं। औऱ किसी दल से कोई क्षत्रिय विधायक नही बना। 2017 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कुल 21 क्षत्रिय विधायक थे.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षत्रियों को सत्ता सुख से हमेशा उपेक्षित रखा जाता है, उन्हें अस्तित्वविहीन समझा जाता है,और इस क्षेत्र को भृमवश जाटलैंड बताया जाता है उस क्षेत्र में ही लगातार जाट से ज्यादा क्षत्रिय विधायक चुने जा रहे हैं और यहां सभी क्षत्रिय 99% वोट भाजपा को ही कर रहे हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी लगातार किसी भी जाति जाट गुज्जर आदि से भी ज्यादा क्षत्रिय समाज के ही विधायक चुने जाते हैं, संगीत सोम व सुरेश राणा की हार के बावजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्षत्रिय उम्मीदवारों का स्ट्राईक रेट इस बार भी बढ़िया रहा है।
Rajput MLA in Awadh 2022-27
नाम | जिला | विधानसभा | पार्टी |
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बावन सिंह | गोण्डा | कटरा बाजार | भाजपा |
अजय कुमार सिंह | गोण्डा | करनैलगंज | भाजपा |
प्रतीक भूषण सिंह | गोण्डा | गोण्डा सदर | भाजपा |
सुरेश्वर सिंह | बहराइच | महसी | भाजपा |
अमित सिंह चौहान | अयोध्या | बीकापुर | भाजपा |
अभय सिंह | अयोध्या | गोसाईगंज | सपा |
रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया | प्रतापगढ़ | कुंडा | जनसत्ता दल |
अभिजीत सांगा | कानपुर नगर | बिठूर | भाजपा |
सरिता भदौरिया | इटावा | इटावा सदर | भाजपा |
नागेंद्र सिंग राठौर | फर्रुखाबाद | भोजपुर | भाजपा |
विनोद सिंह | सुल्तानपुर | सुल्तानपुर | भाजपा |
राकेश प्रताप सिंह | अमेठी | गौरीगंज | भाजपा |
मयंकश्वर सिंह | रायबरेली | तिलोई | भाजपा |
देवेंद्र प्रताप सिंह | रायबरेली | सरेनी | सपा |
राजराजेश्वर सिंह | लखनऊ | सरोजनीनगर | भाजपा |
अनिल सिंह | उन्नाव | पूरवा | भाजपा |
माधवेंद्र प्रताप रानू | हरदोई | सवायाजपुर | भाजपा |
लोकेन्द्र प्रताप सिंह | लखीमपुर खीरी | मोहम्मदी | भाजपा |
अवध क्षेत्र से भाजपा द्वारा कुल 24 टिकट क्षत्रियों को दिए गए थे, जिनमे सिर्फ 14 जीत पाए, सपा के 3 क्षत्रिय व 1 जनसत्ता दल से विजयी हुए। इस प्रकार 2022 में अवध से सिर्फ 18 क्षत्रिय विधायक ही चुने गए और जिन अवध के जिलों से क्षत्रिय समाज का कोई विधायक नहीं चुना गया वह जिले हैं बलरामपुर, फतेहपुर, बाराबंकी, कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज और सीतापुर.
जबकि 2017 में अवध से कुल 23 क्षत्रिय विधायक थे, अवध में भी इस बार क्षत्रियों की प्रबल जनसंख्या के बावजूद पिछली बार के अपेक्षा खराब प्रदर्शन रहा है।
Rajput MLA in Purvanchal 2022-27
नाम | जिला | विधानसभा | पार्टी |
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सुशील सिंह | चंदौली | सैयदराजा | भाजपा |
ओमप्रकाश सिंह | गाजीपुर | जमानियां | सपा |
रमेश सिंह | जौनपुर | शाहगंज | निषाद पार्टी/भाजपा गठबंधन |
दयाशंकर सिंह | बलिया | बलिया सदर | भाजपा |
केतकी सिंह | बलिया | बांसडीह | निषाद पार्टी/भाजपा गठबंधन |
उमाशंकर सिंह | बलिया | रसड़ा | बसपा |
फतेह बहादुर सिंह | गोरखपुर | कैम्पियरगंज | भाजपा |
विपिन सिंह | गोरखपुर | गोरखपुर ग्रामीण | भाजपा |
योगी आदित्यनाथ | गोरखपुर | गोरखपुर शहरी | भाजपा |
अजय प्रताप सिंह | बस्ती | हरैया | भाजपा |
जय प्रताप सिंह | सिद्धार्थनगर | बांसी | भाजपा |
भाजपा ने पूर्वांचल में 18 टिकट ही राजपूतों को दिए थे जिनमें से सिर्फ 9 जीत पाए. इस प्रकार जिस पूर्वांचल को क्षत्रिय बाहुल्य माना जाता है, मात्र 11 राजपूत विधायक चुने गए जिसमें 9 भाजपा से एक सपा से और एक बसपा से है जबकि अगर हम बात 2017 की करें तो 2017 में पूर्वांचल से कुल 16 राजपूत विधायक बने थे और पूर्वांचल के जिन जिलों से एक भी राजपूत विधायक निर्वाचित नहीं हुआ है वह जिले हैं आजमगढ़, मऊ, सोनभद्र, प्रयागराज, मिर्जापुर, भदोही, बनारस, देवरिया, महाराजगंज, कौशांबी, संत कबीर नगर, श्रावस्ती और अंबेडकर नगर.
पूर्वांचल में क्षत्रिय अच्छी जनसंख्या के बावजूद लगातार खराब प्रदर्शन कर रहे है, कई बहुचर्चित बड़े बड़े राजपूत बाहुल्य जिलों में एक भी राजपूत विधायक नही हैं.
Rajput MLA in Bundelkand 2022-27
इस बार बुंदेलखंड के किसी भी जिले से एक भी राजपूत विधायक नहीं चुना गया नाही जालौन से, नाही बांदा से, नाही महोबा से, नाही चित्रकूट से, ना ही ललितपुर से, ना ही हमीरपुर से और ना ही झांसी से, इस बार बुंदेलखंड क्षत्रिय विहीन हो गया है.
भाजपा द्वारा बुंदेलखंड से मात्र 1 क्षत्रिय को टिकट दिया गया है, वह भी हार गया, 2017 में बुंदेलखंड से मात्र 2 क्षत्रिय विधायक थे और इस बार बुंदेलखंड क्षत्रिय विहीन हो गया है.
इस बार भाजपा व उसकी सहयोगी निषाद पार्टी से कुल 65 टिकट इस बार क्षत्रिय समाज को दिए गए थे जिनमें मात्र 41 ही जीत पाए , जबकि 2017 में भाजपा से 54 क्षत्रिय विधायक चुने गए थे इस प्रकार 2022 में यूपी में क्षत्रिय विधायको की कुल संख्या मात्र 47 ही रह गयी है , जिनमे भाजपा से 41, सपा से कुल 4, बसपा से 1 व जनसत्ता दल से 1 ही विधायक निर्वाचित हुए. जबकि 2017 में कुल 62 क्षत्रिय विधायक चुने गए थे.
इस बार उत्तर प्रदेश में राजपूत विधायकों की संख्या बहुत ही धरातल में चली गई है इसका सबसे प्रमुख कारण है पूर्वांचल में क्षत्रिय राजनीति का लगातार पतन की ओर अग्रसर होना.