अगर आप बिश्नोई समाज के बारे में संपूर्ण जानकारी गूगल पर सर्च कर रहे हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं hindu land ने आपको अपने लेख में Bishnoi Caste के बारे में विस्तार से बताया हुआ है.
बिश्नोई अथवा विश्नोई उत्तर पश्चिमी भारत के पश्चिमी राजस्थान की एक पर्यावरण प्रेमी समुदाय है। यह समुदाय पर्यावरण प्रेम के लिए जाना जाता है आपकी जानकारी के लिए बता दें इस समुदाय या इस पंथ के संस्थापक जांभोजी महाराज है.
जांभोजी महाराज द्वारा 29 नियम बताए गए थे और जो उन 29 नियमों का पालन करता है वह विश्नोई है.
आपको बता दें बिश्नोई शब्द की उत्पत्ति (20 बीस + 9 नौ) से हुई है. बहुत सारे लोगों का मानना यह है कि श्री गुरु जंभेश्वर भगवान विष्णु के अवतार माने गए हैं इसीलिए इनसे नाम बना विष्णोई जो कि बाद में परिवर्तित होकर विश्नोई हो गया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें गुरु जंभेश्वर का जन्म एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था. गुरु जंभेश्वर ने 1485 में समराथल धोरा में इस समुदाय की स्थापना की और उन्होंने अपनी शिक्षाओं में 120 शब्दों की रचना की जो की शब्दवाणी के नाम से जाने जाते हैं और यह शब्द वाणी विश्नोई समाज का सबसे बड़ा ग्रंथ है.
पूरे देश में बिश्नोई समुदाय के अनुमानित 15 लाख लोग राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और पंजाब में बड़ी संख्या में रहते हैं इस समुदाय की एक बड़ी आबादी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ गांव में भी पाई जाती है आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें बिश्नोई समुदाय में अधिकतर राजपूत, जाट समुदाय के लोग हैं जिन राजपूत और जाट ने उस समय गुरु जंभेश्वर के 29 नियमों का पालन किया वह विश्नोई कहलाए.
बिश्नोई समाज के 29 नियम (29 Rules of Bishnoi Samaj)

बिश्नोई समाज के 29 नियम (Bishnoi 29 Rules) |
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तीस दिन तक सूतक रखना (शिशु और मां को बाहरी संक्रमण से बचाने के लिए). |
पाँच दिन रजस्वता स्त्री को गृह कार्यों से मुक्त रखना (महिला के आराम और स्वच्छता के लिए). |
प्रतिदिन सुबह स्नान करना है. |
झूठ नहीं बोलना. |
वाद विवाद का त्याग करना. |
हरे वृक्ष नही काटने. |
चोरी नही करनी. |
निंदा नही करनी. |
शील, संतोष व शुद्धि रखना. |
बाहरी एवं आन्तरिक शुद्धता एवं पवित्रता को बनाये रखना. |
प्रतिदिन दो बार (सुबह और शाम) संध्या उपासना करें. |
संध्या के समय आरती और हरि गुण गाना. |
निष्ठा और प्रेमपूर्वक हवन करना. |
पानी, ईंधन और दूध को छान कर प्रयोग में लेना. |
जीवों के प्रति दया का भाव रखना. |
विष्णु का भजन करना. |
अमावस्या का व्रत रखना. |
वाणी विचार कर बोलना. |
काम, क्रोध, मोह एवं लोभ का नाश करना. |
रसोई अपने हाथों से बनाना. |
थाट अमर रखना. |
बैल बधिया न करावें, बैलों को नपुसंक न बनावें. |
अमल नहीं खाना. |
तम्बाकू का सेवन किसी भी प्रकार से नहीं करना. |
भांग नहीं पीना. |
मद्यपान नहीं करना. |
माँस नहीं खाना. |
नीले रंग का वस्त्र व नील का त्याग करना. |
FAQ
बिश्नोई समाज के सबसे बड़े ग्रंथ का क्या नाम है?
बिश्नोई समाज के सबसे बड़े ग्रंथ का नाम शब्दवाणी है.
क्या गुरु जंभेश्वर का जन्म जाट परिवार में हुआ था?
नहीं, गुरु जंभेश्वर का जन्म एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था.
बिश्नोई समाज के 29 नियम कौन से हैं?
बिश्नोई समाज के 29 नियमों की जानकारी हमने आपको ऊपर विस्तार से बताई हुई है.
विश्नोई समाज किस श्रेणी में आता है?
विश्नोई समाज को भारत सरकार ने ओबीसी श्रेणी में राजस्थान में डाला हुआ है.
बिश्नोई समुदाय के अंदर किस जाति के लोग सबसे ज्यादा हैं?
बिश्नोई समुदाय वैसे तो विभिन्न जातियों का एक समूह है अगर बात की जाए तो किस जाति के लोग 15 वी शताब्दी में बिश्नोई समुदाय का सबसे ज्यादा हिस्सा बने तो उसमें राजपूत और जाट सबसे पहले आते हैं.
बिश्नोई समुदाय की देशभर में जनसंख्या कितनी है?
बिश्नोई समुदाय की देशभर में जनसंख्या अनुमानित 15 लाख है. राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और पंजाब में बड़ी संख्या में बिश्नोई समुदाय रहते हैं इस समुदाय की एक बड़ी आबादी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ गांव में भी पाई जाती है.
कृपा करके सुधार करे…कोई भी मीणा जाती वर्ग से बिशनोई पंथ में कभी सम्मलित नहीं हुआ