रोजे की नियत की दुआ (Roze ki niyat ki dua)

अगर आप इंटरनेट पर रोजे की नियत की दुआ  (Roze ki niyat ki dua) के बारे में जानकारी सर्च कर रहे हो तो आप एकदम सही जगह पर आए हो हमने आपको रोजा रखने की नियत के बारे में विस्तार सहित बताया हुआ है.

इस्लाम में हर काम के लिए नियत है यानी की दुआ अरबी भाषा में दुआ को नियत कहा जाता है और नियत का अर्थ होता है इरादा जैसा कि हम सभी जानते हैं हमारे इस्लाम में नियत या फिर दुआओं को बहुत महत्व दिया जाता है.

रोजे की नियत की दुआ हर मुस्लिम को जरूर पढ़नी चाहिए और आपको बता दें यह दुआ दुनिया भर में मशहूर है क्योंकि यह दुआ सलमानों द्वारा सबसे आम और खास रूप से दी जाने वाली दुआ है. इस दुआ को हमने अपने नीचे लेख में विस्तार से समझाया भी हुआ है.

Roze Ki Niyat Ki Dua

रोजे की नियत की दुआ हिंदी मेंव बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान
रोजे की नियत की दुआ अंग्रेजी मेंWa bisawmi ghaddan nawaiytu min shahri ramadan
रोजे की नियत की दुआ का मतलब (तर्जुमा)“मैं रमजान के इस रोजे की नियत करता हूँ”

Roze Ki Niyat Ki Dua In Hindi

व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान

हे, अल्लाह! मैंने तुम्हारे लिए रोज़ा रखा और मुझे तुम पर विश्वास है और मैंने तुम पर अपना भरोसा रखा है.

Roza Kisko Rakhna Chahiya

रोजा हर मुस्लिम औरत और आदमी को रखना चाहिए जो कि बीमार ना हो और सेहतमंद हो और अकल वाला हो उसे रोजा जरूर रखना चाहिए इस्लामी नजरिए से देखा जाए तो 12 साल से ऊपर के बच्चों को रोजा रखना चाहिए.

FAQ

रोजे की नियत की दुआ क्या है?

रोजे की नियत की दुआ “व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान” है.

व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान दुआ का अर्थ क्या है?

व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान दुआ का अर्थ “मैं रमजान के इस रोजे की नियत करता हूँ” है.

रोजे की नियत के लिए कौन सी दुआ पढ़े?

रोजे की नियत के लिए व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमजान दुआ पढ़े.

Conclusion

आज हमने आपको अपने लेख में रोजे की नियत की दुआ के बारे में जानकारी दी है उम्मीद है आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी और आप इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे.

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